जिम्मेदार कौन : सिंचाई के 7 पंप में से चल रहे हैं सिर्फ 3, तो बाक़ी 4 कहाँ है बरक़रार

रामलखन गुप्त, चाकघाट। इस अंचल में किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने के लिए बड़ी-बड़ी योजनाएं बनी है और उन योजनाओं से त्योथर क्षेत्र की धरती को सिंचित किए जाने का लगातार दावा किया जा रहा है उसके बावजूद भी क्षेत्र के समूचे किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। रोपा लगे धान की फसल सूख रही है तो कहीं पर पानी के अभाव में रोपा भी नहीं लग पा रहा है। इस संदर्भ में सूत्रों की माने तो यहां की प्रमुख राजापुर उद्वहन सिंचाई योजना में 7 पंप लगे हैं, जिनमें से मात्र 3 पंप ही चल रहे हैं। 4 पंप खराब हैं जिन्हें समय पर सुधरवाया नहीं गया। इस संदर्भ में संबंधित अधिकारी का मानना है कि पंप जो खराब हो जाते हैं उसका काम देखने का दायित्व शहडोल जिला के देवलोंद से होता है। निश्चित रूप से 4 पंप जो खराब हैं उन्हें देवलोंद से बनाया जाना चाहिए क्योंकि 3 पंप से सम्पूर्ण सिंचाई संभव नहीं है। पता चला है कि नहर को कई स्थानों पर अवैध रूप से किसानों द्वारा काट लिया जाता है, जिसके विरुद्ध सिंचाई विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती। विभागीय सूत्रों को माने नहर के संचालन में 3 विभाग शामिल है, बिजली विभाग, मैकेनिकल विभाग, संचालन विभाग। इस तरह सिंचाई के मामले में एक दूसरे विभाग को दोषारोपण देकर लोग अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं और किसानों की खड़ी फसल सूख रही है। इसका जिम्मेदार और जवाबदार कौन होगा ? जहां एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान किसानों के लिए निरंतर योजनाएं बनाकर खेती को लाभ का धंधा बनाने का कार्य कर रहे हैं, तो वहीं विभागीय कर्मचारियों की गैर जिम्मेदाराना हरकत एवं लापरवाही के चलते किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। भारतीय जनता पार्टी मंडल त्योंथर के पूर्व अध्यक्ष मनोज मिश्र ने जिला प्रशासन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि राजापुर सिंचाई योजना के बिगड़े पंप को समय पर सुधार न कराके किसानों के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है जिसके जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्यवाही हो तथा समय पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिले ऐसी व्यवस्था शीघ्र बनायी जानी चाहिए।

एक नज़र
राजापुर उद्वहन सिंचाई योजना त्योंथर को मिनी बाणसागर से जोड़ कर हजारों एकड़ में किसानों को लाभ पहुँचाने की योजना औंधे मुँह जमींन पर धराशायी नज़र आ रही है। इतना ही नहीं त्योंथर तहसील क्षेत्र में पहले से चल रही अन्य उद्वहन सिंचाई योजना का भी हाल कुछ ठीक नहीं है। फिर चाहे वो मनिकवार उद्वहन सिंचाई योजना हो या चांदी उद्वहन सिंचाई योजना। सब का हाल बेहाल है। एक तरफ प्रकृति की मार ने किसानों की कमर तोड़ रखी है तो दूसरी तरफ शासन की कृतिम व्यवस्था की भी हालत बिगड़ रही है। ऐसे में क्षेत्र के किसान का खेती करना महज एक बुरा सपना नजर आ रहा है।

वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-
https://youtu.be/6Lae6imtIcg

 

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