दस्तक अभियान का प्रथम चरण 31 अगस्त तक संचालित किया जायेगा। इस दौरान स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कार्यकर्ताओ के संयुक्त दल द्वारा 6 माह से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के घर-घर जाकार उनकी चिकित्सकीय जॉच एवं आवश्यक उपचार/प्रबंधन एवं प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सक्रिय पहचान की जायेगी।
जिले में दस्तक अभियान के तहत 0 से 5 साल के लगभग 276499 बच्चों को दस्तक दल द्वारा घर-घर जाकर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जावेगी । ऐसे बच्चे जिनका हीमोग्लोबिन 7 ग्राम से कम है, उन्हें ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जावेगा। अभियान के अंतर्गत एएनएम, आशा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दल बनाकर घर-घर पहुंचकर दस्तक अभियान संचालित करेगी।
उल्लेखनीय है कि दस्तक अभियान बाल मृत्यु में कमी लाने के लिए प्रत्येक वर्ष हर 6 माह के अन्तराल मे चलाया जाता है। जिसके अन्तर्गत गंभीर एनीमिया, बच्चों को दस्त रोग, कुपोषण, जन्मजात विकृतियां एवं वृद्धि विलंब और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों की पहचान की जाती है। साथ ही जांच के दौरान टीकाकृत और टीकाकरण से छूटे बच्चों की जानकारी ली जावेगी जिससे अटीकाकृत बच्चो को टीकाकृत किया जा सकें।