नाबालिग से दरिंदगी : बैकुंठपुर में 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म

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रीवा जिले के बैकुंठपुर थाना अंतर्गत 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले बच्ची रोजाना की तरह घर के पास स्थित आम के बगीचे में खेलने गई थी, जहाँ अन्य बच्चे भी खेल रहे थे। पड़ोस के गांव का ही एक युवक बगीचे में खेल रही बच्ची को झांसा देकर एकांत जगह पर ले गया। आरोपी बच्ची को एकांत जगह पर ले जाकर उसे डरा धमकाकर जबरन दुष्कर्म करता है। बच्ची को वारदात का जिक्र करने पर जान से मरने की धमकी देता है और वहाँ से फरार हो जाता है। वारदात की वजह से डरी सहमी हुई बच्ची जब घर पहुंची तो परिजन ने देर से आने का कारण पूछा तो बच्ची रोने लगी। कपड़ों को देख माता – पिता ने अनहोनी की आशंका जताई, तब बच्ची ने मां से दुष्कर्म की कहानी बताई, बच्ची के साथ गलत होने की बात सुन परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। तुरंत बच्ची को लेकर थाने पहुंचे, जहां बैकुंठपुर थाना प्रभारी निरीक्षक श्वेता मौर्य ने बयान के बाद दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया है।

मामले में रीवा एसपी विवेक सिंह ने जानकारी दी है कि 9 जुलाई को 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। जिसमें शिकायत के बाद महिला पुलिस अधिकारी ने आईपीसी की धारा-376 और पॉक्सो एक्ट का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पीड़िता का संजय गांधी अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया है। दूसरी तरफ दुष्कर्म के आरोपी शैलेश गौतम उर्फ कल्लू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया है।

एक नज़र
पॉक्सो एक्ट का मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता से जुड़े अपराधों से बचाना है। इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के लोगों को नाबालिग माना गया है और नाबालिग के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। पॉक्सो कानून में पहले मौत की सजा नहीं थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन कर मौत की सजा का भी प्रावधान कर दिया गया है।

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