अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री शुक्रवार को अचानक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। इस दौरान कार्यालय में कई कर्मचारी अनुपस्थित मिले। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कर्मचारियों के उपस्थिति का रजिस्टर मंगवाया। लेकिन रजिस्टर उपलब्ध नहीं था। जानकारी के अनुसार रजिस्टर मंगाया गया है अपर कलेक्टर इस बात की तस्दीक करेंगे कि उस दिन कौन कर्मचारी छुट्टी पर था और कौन अनुपस्थित था उसके अनुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक अपर कलेक्टर 10:15 बजे डीईओ कार्यालय पहुंचे थे। उस दौरान दो-तीन कर्मचारियों के अलावा कोई कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित नहीं था। डीईओ के विषय में बताया गया कि वह दौरे पर थे। जबकि योजना अधिकारी सुदामालाल गुप्ता छुट्टी पर थे। सूत्रों की माने तो जिला शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के आने और जाने का कोई निर्धारित समय नहीं है वह मनमानी तरीके से अपनी ड्यूटी करते हैं। उन पर कार्रवाई का कोई डर नहीं रहता। आपको बता दें कि जिस तरह से जिला शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है उस तरह कर्मचारी व अधिकारी भी सुस्त व शांत बैठकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते हैं। वर्तमान में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं उसके बाद भी शासन के नुमाइंदे उनको कुर्सी पर बैठाये हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की कल्पना स्वप्न देखने जैसे है। न तो अधिकारी को डर है और न ही कर्मचारी को, दोनों की दीवानगी सिर्फ रंगीन नोटों में रहती है। लेकिन देखना यह दिलचस्प होगा कि एडीएम का दौरा सिर्फ खानापूर्ति रहेगा या फिर अनुपस्थित कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई भी होगी। (SM)