हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान सिंचाई को लेकर प्रदेश के मुखिया ने आश्चर्य करने वाले आकड़ों को जनता के सामने रखा है। साथ ही सिंचाई योजना से जुड़ी टीम को बधाई भी दी है और कहा है की सिंचाई को लेकर कोई कल्पना नहीं करता था की साढ़े 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ के 45 लाख हेक्टेयर को क्रॉस कर जाएगी। आगे उन्होंने कहा कि हमारे कृषि उत्पादन में 700 फीसदी कि बढ्ढोत्तरी हुई है। लेकिन रीवा जिले के कई क्षेत्रों से आ रही खबरें एवं स्वयं रीवा कलेक्टर द्वारा जल संरक्षण का आदेश इस अकड़े पर भारी पड़ रहा है।
यूं तो 24 अप्रैल 2023 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस मनाने के लिए मध्यप्रदेश विंध्य के रीवा जिले में आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनके कई कार्यक्रमों में बाणसागर परियोजना से जुड़े हुए जल जीवन मिशन के अरबों खरबों के प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी किया जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि विंध्य क्षेत्र में बाणसागर बांध जैसी व्यवस्था होने के बावजूद भी यहां के किसान और आम नागरिक बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गर्मी का मौसम आ चुका है और ऐसे में अब जल वास्तव में जीवन बन चुका है। जल के बिना पेड़ पौधे पशु पक्षी से लेकर इंसान सभी त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। नलकूपों का जलस्तर नीचे खिसक गया है और कुएं तालाब तो काफी समय पहले ही सूख गए हैं। नहरों का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है और जहां भी नहर हैं वहां पानी की उपलब्धता नहीं है। ऐसे में जल जीवन का संकट बरकरार है। इस बीच 20 अप्रैल 2023 को सिरमौर तहसील रीवा जिले के लालगांव-सिसवा क्षेत्र के आसपास के दर्जनों ग्रामों के किसान और आम नागरिकों ने सूखी नहर के बीच एकत्रित होकर एक बार पुनः सरकार को चेताने के लिए प्रदर्शन किया है। लेकिन सरकार है कि उसके कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। जल संसाधन विभाग के कमीशन खोर आला अधिकारी ठेकेदारों से मिलकर दशक पुरानी नहर परियोजना का बंदरबांट कर चुके हैं। लगभग 855 करोड रुपए की नईगढ़ी माइक्रो इरिगेशन का काम जो वर्ष 2017-18 में पूरा हो जाना था वह आज 5 वर्ष बाद भी वर्ष 2023 में भी अपने शुरुआती दौर पर है। इसी प्रकार त्यौंथर बहाव परियोजना के भी हाल बेहाल है। क्योटी नहर कैनाल की सच्चाई भी किसी से छुपी नहीं है। बहुती और क्योटी जैसे नामों से संचालित नहर परियोजनाओं में उन गांव में ही सही ढंग से पानी नहीं पहुंचा है जिनके नाम से यह परियोजनाएं संचालित होने के दावे किए जा रहे हैं।
जल जीवन जागरण यात्रा का दौर जारी
इस विषय में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि उनके द्वारा दिनांक 4 अप्रैल 2023 को रीवा संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों – संभाग आयुक्त, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जनपद पंचायत, कलेक्टर जिला रीवा, पुलिस अधीक्षक और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी मनगवां सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र की समस्याओं और विशेषकर जल जीवन से जुड़े हुए संकट के विषय में अवगत कराया गया था। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पेयजल की समस्या, भूमिगत जल की समस्या, सतही जल की समस्या, जल क्षेत्र जैसे सरकारी तालाबों में अत्यधिक अतिक्रमण, नल जल योजनाओं का क्रियान्वयन एवं संचालन न हो पाना, जल जीवन मिशन के नाम पर व्यापक स्तर के भ्रष्टाचार जिसमें योजनाएं मात्र कागजों पर ही संचालित हो रही हैं एवं बाणसागर से संबंधित नहर परियोजनाएं को लेकर समस्या से अवगत कराया था। बताया गया विभिन्न प्रकार की नहर परियोजनाओं के कार्य अप्रारंभ हैं एवं अत्यंत अल्प प्रगति पर हैं साथ ही जनता के टैक्स के पैसे की निरंतर बर्बादी की जा रही है एवं माफिया किस्म के संगठित अपराधी किस्म के लोग इस राशि का भक्षण शासकीय पदों पर बैठे हुए कुछ संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर निरंतर कर रहे हैं जिसकी जानकारी आम जनता और किसानों के पास तक भी नहीं पहुंच पाती है क्योंकि पारदर्शिता और जवाबदेही का पूरे सिस्टम में अभाव बना हुआ है। इस स्थिति में अब आम जनता के पास सड़क पर उतरने के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी जिम्मेदार और जवाबदेह विभाग प्रमुखों को सूचित कर ज्ञापन सौंपते हुए उल्लेख किया था कि सात दिवस के बाद शांतिपूर्ण ढंग से क्षेत्र के हर गांव में जल जीवन जागरण यात्रा प्रारंभ की जाएगी जिसमें शासन की परियोजनाओं में हुए भ्रष्टाचार और बंदरबांट को उजागर करते हुए किसान, ग्रामीण अपनी बात सरकार तक पहुंचाएंगे। यदि समस्या का समाधान नहीं किया जाता है तो किसान आगे भी इस प्रकार आंदोलन जारी रखेंगे।
लालगांव सिसवा के किसानों ने फिर एक बार किया प्रदर्शन, कहा प्रधानमंत्री शिलान्यास ही न करें बल्कि कार्य भी करके दिखाएं
इस बीच लालगांव-सिसवा- टेहरा आदि ग्रामीण क्षेत्र से उपस्थित ग्रामवासियों और किसानों ने कई स्लोगन के माध्यम से अपनी बातें शासन प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास किया। मोदी राज तुम्हारी है, नहर की मांग हमारी है।। मामा अब तो सुनो पुकार, पानी का है हाहाकार।। जैसे नारों से आम जनता ने सरकार को जगाने का प्रयास किया। इस बीच प्रदर्शन के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के साथ लालगांव-सिसवा और टेहरा क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति लालगांव उपसरपंच लवकुश तिवारी, श्रीधाम संगीतांजलि से सुनील सिंह, शेखर केवट, पूरन पाठक, शिव कुमार सिंह, अजय केवट, पप्पू राल्ही, मनोज सिंह, रमेश शुक्ला, शिवम पांडे, श्यामलाल केवट, दिनेश साकेत, गिरधर साकेत और सुरेश कोल आदि ग्रामवासी मौजूद रहे। ( शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता )