रीवा, मप्र। रीवा जिले के फाईलेरिया अति प्रभावित 5 विकासखण्डों सिरमौर, जवा, त्योंथर, नईगढ़ी, हनुमना में फाईलेरिया रोधी दवा आइबरमैक्टीन, डीईसी व अल्बेन्डाजोल का 10 से 17 फरवरी के बीच सामूहिक दवा सेवन का आयोजन किया जायेगा। शासन द्वारा स्वीकृत कार्य योजना अनुसार 10 से 11 फरवरी को बूथ डे तथा 13 से 17 फरवरी को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं अंतरविभागीय सहयोग से घर-घर जाकर दवाओं का सेवन कराया जायेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी कृमि से होने वाला एक संक्रामक रोग है जो क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर स्वस्थ्य व्यक्ति को काटकर संक्रमित कर देते हैं। संक्रमित व्यक्ति भी सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखता है। किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमार होने में 5 से 15 वर्ष तक लग सकते हैं। 5 से 15 वर्ष पश्चात पैरों व हॉथों में स्थायी सूजन हाथीपॉव के रूप से अण्डकोष का सूजन हाईड्रोसिल में बदल जाता है। इससे बचाव के लिये अपने आसपास सफाई रखे। नालियों में पानी का बहाव लगातार बना रहे, नालियों की नियमित सफाई, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।