त्योंथर तहसील क्षेत्र के कई धान उपार्जन केंद्रों में चल रही मनमानी

त्योंथर, रीवा। पूर्वांचल के कई खरीदी केंद्रों पर तहसीलदार रवि श्रीवास्तव का औचक निरीक्षण

शासन द्वारा निर्धारित समय से क्षेत्र में धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी शुरू हो गई है। हालाँकि कुछ जगहों में अभी खरीदी शुरू होना बाक़ी है जिसके पीछे की वजह है किसान की धान का अभी तैयार न होना।

बीते कल में पूर्वांचल स्थिति कई खरीदी केंद्रों का तहसीलदार रवि श्रीवास्तव द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें ढखरा और सोनौरी में तौल ज्यादा करवाने का मामला सामने आया। तहसीलदार रवि श्रीवास्तव द्वारा कर्मचारियों को सही से काम करने एवं सही तौल करवाने की समझाईस दी और तौल को पुनः करवाने का आदेश दिया।

पढ़ें क्या कहा तहसीलदार जी ने
हाल ही में पकड़ी गई अवैध धान का जिक्र करते हुए तहसीलदार जी द्वारा बताया गया कि , धान खरीदी से पहले ही गडरपूर्वा में अवैध धान के पकड़े जाने से सोनौरी ढखरा माँगी पड़री रायपुर आदि समितियों पर प्रशासन की पैनी नजर है, जिससे औचक निरीक्षण होते रहेगें। अगर इस दौरान किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी मिलती है तो दोषियों के ऊपर कठोर कार्यवाही की जाएगी।

एक नज़र
सूत्रों कि माने तो क्षेत्र में किसान कि सफ़ेद धान अभी तक तैयार नहीं है, लेकिन कई केंद्रों में सफ़ेद धान धड़ल्ले से तौलाई जा रही है।
लोगों के बीच यह भी चर्चा चल रही कि ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में धान कि खेप उत्तर प्रदेश से पहुँचाई जा रही। जिसके पीछे कि वजह है , बहरैचा, मांगी, ककरहा आदि सीमावर्ती क्षेत्रों में नाके का ना बनना और जहाँ नाका बना है वहाँ सक्षम अधिकारी का अनुपस्थित होना। ऐसे में धान कि अवैध खेप पर नकेल कसना नामुनकिन है। सूत्रों की माने तो चिराँव, इटरीहान उत्तर प्रदेश की धान पथरपुर के रास्ते मांगी तक गुपचुप तरीके से पहुँचाई जा रही है। उसी तरह गाढ़ा, बरछा, बड़ोखर की धान, ककरहा के रास्ते सोनौरी और ढकरा समिति तक पहुँचाई जा रही है। क्षेत्र में लम्बे समय से अवैध विक्रय के लिए गढ़ बना चुके व्यापारियों को रोकना शासन – प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। फ़िलहाल प्रशासन ने पहले ही 4 लाख 11 हजार कि अवैध धान जप्त कर अपनी मनसा साफ कर दी है।

अन्न देवता के लिए व्यवस्थाओं कि कमी
सूत्रों के हवाले से यह बताया गया कि सोनौरी, ढकरा, रायपुर, मांगी आदि खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए दी जा रही व्यवस्थाओं का आभाव बना हुआ है , जिसकी वजह से दिन भर भूखे प्यासे थके इधर से उधर भटकते देखे जा सकते हैं अन्न देवता किसान। सरकार को जल्द ही किसान और समिति कर्मचारियों के बीच सामंजस्य बिठाने को लेकर कोई कदम उठाना पड़ेगा ताकि किसान भी आसानी से अपनी फसल विक्रय कर सके और कर्मचारियों को भी राहत मिल सके।

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संवाददाता – ब्रह्मानन्द त्रिपाठी , बहरैचा

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