कमिश्नर कार्यालय सभागार में पेयजल व्यवस्था की संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए रीवा संभाग के कमिश्नर गोपाल चन्द्र डॉड ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में औसत से 25 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। भूजल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। कई बसाहटों में पेयजल की समस्या हो सकती है। इनमें पेयजल की आपूर्ति के लिए कार्ययोजना तैयार रखें। नल-जल योजनाओं तथा हैण्डपंपों के सुधार के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में टीम तैयार रखें। बिजली के अभाव तथा छोटे-मोटे कारणों से नल-जल योजना बंद हुई तो संबंधितों पर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर साप्ताहिक बैठक में पेयजल व्यवस्था की अनिवार्य रूप से समीक्षा करें। पेयजल की कमी के संबंध में मिलने वाली सूचना पर तत्परता से और संवेदनशीलता से कार्यवाही सुनिश्चित करें।
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कमिश्नर ने कहा कि आगामी 30 जून तक के लिए संभाग की सभी बसाहटों में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सभी नगर निगमों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है। इसके वितरण की सुचारू व्यवस्था बनाएं। पानी की गुणवत्ता पर भी लगातार निगरानी रखें। मैहर जिले की तीन नगर परिषदों में एक दिन के अंतराल से पेयजल दिया जा रहा है। यदि आवश्यक हो तो परिवहन कराकर पानी की आपूर्ति कराएं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रत्येक ग्राम पंचायत में नल-जल योजनाओं तथा हैण्डपंपों की सतत निगरानी करें। अधीक्षण यंत्री पीएचई हैण्डपंपों में अतिरिक्त पाइप लगाने के लिए राइजर पाइप की सभी जिलों में पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। जहाँ आवश्यक हो वहाँ हैण्डपंपों में तत्काल सिंगल फेज के मोटर लगा दें। जलजीवन मिशन से पूर्ण की गई नल-जल योजनाओं से पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करें। अधूरी योजनाओं को शीघ्र पूरा कराने के प्रयास करें। कलेक्टर आवश्यक होने पर पेयजल आपूर्ति के लिए निजी जल स्त्रोतों का भी अधिग्रहण कर पानी की आपूर्ति कराएं। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, आयुक्त नगर निगम, अधीक्षण यंत्री पीएचई तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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