जहाँ एक तरफ त्योहारों का रंग चढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ग्राहकों को सावधान रहने की आवश्यकता भी है, क्यूंकि महगाई के इस दौर में एक – एक रूपए की बचत से ही निपटा जा सकता है। ताज़ा मामला रीवा जिले के त्योंथर तहसील क्षेत्र का है जहाँ पहले से ही उक्त एजेंसी द्वारा उज्ज्वला योजना के नाम पर हितग्राहियों से मोटी रकम वसूली गई थी। इस बार संज्ञान में आया मामला गैस सिलेंडर रिफिल का है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने गैस सिलेंडर रिफिल में 100 रूपए घटाए थे, जिसके साथ सिलेंडर 829 रूपए का हो गया है। साथ ही कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार घर पहुँचाने पर भी कोई अतिरिक्त शुल्क लागू नहीं होगा। मतलब 829 रूपए में ही घर पर भी सिलेंडर पहुँचाया जायेगा लेकिन सरकारी आदेशों की हवा हवाई हो गई, जब ग्राहक को एक सिलेंडर के 870 से 900 रूपए तक चुकाने पड़ रहे। इस मामले में जब गीता गैस एजेंसी, चाकघाट के कर्मचारी से बात की गई तो उन्होंने गैस सिलेंडर की कीमत 829 रूपए ही बताई तो फिर बाकि के रूपए किसके जेब में जा रहे ?
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उज्ज्वला के नाम पर भी वसूली
आपको याद दिला दें गीता गैस एजेंसी चाकघाट पर पहले भी धांधली कर पैसा वसूलने का आरोप लग चुका है। जहाँ उज्ज्वला योजना 2.0 के तहत बांटे जा रहे नये कनेक्शन के लिए हितग्राहियों से 1200 से 3000 तक वसूलने का आरोप लगाया गया था। साथ ही कुछ वायरल वीडियो तो गीता गैस एजेंसी चाकघाट के गोडाउन के ही थे बावजूद ऊँची पहुँच के कारण न तो त्योंथर के किसी अधिकारी की हिम्मत हुई जाँच की और न ही जिला कलेक्टर या खाद्य विभाग ने मामले में संज्ञा लिया। अब ऐसे में जो फरमान आला कमान से जारी होते भी हैं तो वो तुगलकी फरमान नजर आते हैं जिसके पीछे की वजह है कि वो फरमान तामिल नहीं होते। अब सवाल है कि ऐसे में गरीब हितग्राही और कितना शोषित और प्रताड़ित होगा ?