रामलखन गुप्त, चाकघाट। त्योथर क्षेत्र में कम वर्षा होने के कारण एकमात्र किसानी पर निर्भर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें सहज ही बढ़ गई है। कहने को तो यहां किसानों की जीवनदायिनी योजना पर्याप्त पानी से भरपूर राजापुर उद्वहन सिंचाई के नाम से सदा वाहिनी नहर संचालित है किंतु वास्तविकता के धरातल पर निर्माण के समय से ही भ्रष्टाचारियों के हत्थे चढ़ गई थी वह अभी भी आधी अधूरी ही बनकर तैयार हुई है, के कारण किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है और उनकी धान की फसल नष्ट हो रही है।यदि किसानों की आवश्यकतानुसार खरीफ व रबी की फसल में नियमित रूप से नहर चलाई जाती तो किसानों को पानी मिल सकता है और पानी सम्बन्धी परेशानी किसानों को कतई नहीं होती, किन्तु उक्त नहर की जिम्मेदारी सब इंजीनियर पटेल जी जिन्हें एसडीओ का भी प्रभार सौंपा गया है वेअत्यन्त शिथिल, लापरवाह एवं संवेदनहीन है, जो कभी भी न तो नहर व माइनरों की साफ सफाई, टूट फूट में मरम्मत का कार्य कराते, न ही आवश्यक आवश्यकता पर पानी ही चलावाते हैं। प्रायः बिजली न होने, नहर अथवा माइनर के टूट जाने का बहाना बनाकर वे अपना पल्ला झाड़ते रहते हैं । आरोप है कि माइनर नं.7 में सर्वाधिक रकवा वाला क्षेत्र आता है, बड़ागांव से माइनर नं. 7 उत्तर तरफ लगभग 5 कि.मी. दूरी का क्षेत्र है, जिसमें 4 कि.मी. दूरी के क्षेत्र में सिर्फ प्रभारी एसडीओ की निष्क्रियता व अक्षमता की वजह से एक बूंद पानी नहीं पंहुच रहा है। किसान हाथ पर हाथ रख बैठा है, जीविका का एकमात्र साधन भ्रष्ट, अकर्मण्य प्रभारी एसडीओ के कारण नष्ट हो रहा है । प्रभावित किसानों ने जिला प्रशासन एवं सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए मांग किया है कि सिंचाई योजना के तहत है शीघ्र ही पानी व्यवस्था प्रारंभ की जाए जिससे किसान अपनी फसल की रक्षा और सुरक्षा कर सकें। सिंचाई योजना से पानी ना मिल पाने के कारण हम राजस्व ग्राम – परवा, खजुरी नं. 2, मोहड़ा, अंतरैला 12, मलतारा, चिल्लाखुर्द आदि के किसानो की फसल नष्ट हो रही है।
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