जल गंगा संवर्धन अभियान 20 मार्च से आरंभ हो गया है। अभियान में विभिन्न विभागों के साथ-साथ जल संसाधन विभाग भी बढ़चढ़ कर योगदान दे रहा है। अभियान के तहत रीवा जिले में 13 प्रमुख सिंचाई नहरों की साफ-सफाई का कार्य 30 जून तक कराया जाएगा। इस संबंध में अधीक्षण यंत्री ने बताया कि नहरों की साफ-सफाई तथा सुधार के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। कार्ययोजना में 13 नहरों और बांधों की साफ-सफाई का कार्य शामिल किया गया है।
अधीक्षण यंत्री ने बताया कि रीवा जिले में गुढ़ तहसील में बाणसागर वृहद सिंचाई परियोजना की पुरवा नहर प्रणाली तथा गोविंदगढ़ लघु सिंचाई परियोजना की नहरों में घास की साफ-सफाई एवं एप्रोच चैनल से गाद हटाने का कार्य किया जाएगा। पड़ोखर लघु सिंचाई योजना, तमरा पहाड़ लघु सिंचाई योजना, बाणसागर की क्योटी नहर सिंचाई परियोजना में रीवा, गुढ़, मनगवां, सिरमौर, सेमरिया एवं देवतालाब तहसीलों में नहरों की साफ-सफाई का कार्य किया जाएगा। इसमें नहरों की लाइनिंग का भी कार्य शामिल किया गया है। रीवा जिले में ही बाणसागर परियोजना की त्योंथर उद्वहन नहर प्रणाली में नहर से झाड़-झंकाड़ हटाने, सिल्ट निकालने तथा नहरों से अतिक्रमण हटाने की भी कार्यवाही जल गंगा संवर्धन अभियान में की जा रही है। जरमोहरा मध्यम सिंचाई परियोजना, बाणसागर की त्योंथर फ्लो नहर प्रणाली, छदहना लघु सिंचाई परियोजना, मरघटी लघु सिंचाई परियोजना तथा शंकरगढ़ लघु सिंचाई परियोजना की नहरों और बांधों में साफ-सफाई, सुधार और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। त्योंथर तहसील में लोनी लघु सिंचाई परियोजना की नहरों और बांध की साफ-सफाई का भी कार्य किया जा रहा है। जल संवर्धन अभियान के तहत सभी सिंचाई बांधों और नहरों में सुधार कार्य, एप्रोच चैनल से गाद हटाने तथा घास एवं खरपतवार की साफ-सफाई कराई जाएगी। इन कार्यों से पानी की बचत होने के साथ-साथ अधिक क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। बांधों की साफ-सफाई तथा गाद निकालने से उनकी जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी। जल गंगा संवर्धन अभियान से नहरों और छोटे बांधों को नया जीवन मिलेगा।