त्योंथर ब्यूरो। त्योंथर तहसील रीवा जिले की सबसे पुरानी तहसील है, बावजूद उसके आज त्योंथर तहसील को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह रीवा जिले की सबसे पिछ़डी तहसील बनने की कगार में है। जबकि असल सच्चाई यह है कि उसे कई सालों पहले ही एक जिले का दर्जा मिलना चाहिए था। वहीं इस पूरे मामले पर बात करते हुए त्योंथर के वरिष्ठ अधिवक्ता व वरिष्ठ समाजसेवी अविनाश सिंह परिहार ने कहा कि त्योंथर तहसील के इस पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण त्योंथर तहसील अंतर्गत व्याप्त अधिकांश शासकीय जमीनों पर किया गया अतिक्रमण है। त्योंथर तहसील की सबसे मुख्य जगह से शुरूआत अगर किया जाए तो तहसील मुख्यालय व जनपद मुख्यालय के परिसर में बहुत हिस्सों में अतिक्रमण है। जनपद द्वारा आवटिंत दुकानों पर पूरी तरह से प्रभावशालियों का अतिक्रमण है। वास्तविक लोगों का कब्जा कभी दुकानों पर नहीं रहा। वहीं विश्राम गृह के दूसरी ओर रामसिया दीपांकर के अध्यक्ष रहने के दौरान नगर परिषद से नाली बनाई गई थी, आज उस नाली के आगे तक अतिक्रमण कर दुकान बना लिया गया है, जिससे प्रतिदिन आवागमन में लोगों को बाधा उत्पन्न होने के साथ दुर्घटना भी झेलना पड़ता है। न्यायालय भवन, कृषि विभाग का कार्यालय, राजस्व अधिकारियों के निवास के पास भी भारी अतिक्रमण मौजूद है। आश्चर्य की बात यह है कि तहसील मुख्यालय की आसपास की जमीन का आज तक नक्शा तर्मीम नहीं हुआ है। अस्पताल, कालेज, गढी परिसर में शासकीय भूमि पर लोगों ने मकान बना लिया है। त्योंथर में स्कूलों का भवन खोजने में दिखाई देता है। पुराने अस्पताल, कायस्थ बस्ती में कभी शासकीय कर्मचारियों का निवास हुआ करता था आज उन भूमियों का पता हीं नहीं चल पाता है। शासन के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब यह है कि अगर कोई नया भवन बनाना चाहे तो कोई भूमि खाली नहीं मिलेगी। अब ऐसे में विकास हो तो हो कैसे? नगर परिषद त्योंथर के समस्त तालाबों पर अतिक्रमण है। मुख्य बाजार में बनी नालियों के आगे तक, सडक़ पर सीढियां व चबूतरा बन गया है। जंगल चौकी से जेल मार्ग अतिक्रमण के कारण पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। ऐसा लगता है कि प्रदेश के अंतिम सिरे पर होने के कारण मध्यप्रदेश का कोई भी नियम कानून त्योंथर तहसील में लागू नहीं होता ?
