बाढ़ से जुड़ी सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान करें – कमिश्नर

कमिश्नर कार्यालय सभागार में बाढ़ नियंत्रण के लिए अन्तर्राज्यीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में रीवा के अलावा सोनभद्र, प्रयागराज तथा मिर्जापुर के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। बैठक में कमिश्नर गोपालचन्द्र डाड ने कहा कि रीवा जिले के त्योंथर क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों में बाढ़ का प्रकोप होता है। रीवा में बीहर, बिछिया और टमस नदी तथा मिर्जापुर उत्तरप्रदेश की बेलन नदी के जलग्रहण क्षेत्र में एक साथ लगातार भारी वर्षा से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। इससे निपटने के लिए मिर्जापुर के अधिकारी सिरसी, मेजा तथा अदवा बांधों के जल भराव के प्लान की जानकारी उपलब्ध कराएं। इसके प्रस्तावित आपरेशनल मैन्युअल में आवश्यक संशोधन करें। बांधों को माह तक उसे तीन से चार मीटर खाली रखें जिससे अचानक पानी की आवक बढ़ने पर उसमें नियंत्रण किया जा सके। बाढ़ संबंधी सूचनाओं का समय पर आदान-प्रदान करें। रीवा और मिर्जापुर के अधिकारी समन्वय से बाढ़ नियंत्रण के प्रयास करें। जब बेलन नदी में पानी की आवक अधिक होगी तो बकिया बराज से पानी नहीं छोड़ा जाएगा। इसी तरह यदि टमस नदी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश होने के समय बेलन नदी में बांधों से पानी न छोड़ें। कमिश्नर ने कहा कि रीवा में बाढ़ प्रबंधन से जुड़े सभी कंट्रोल रूम 20 जून से शुरू हो जाएंगे।

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बैठक में मिर्जापुर के कमिश्नर ने कहा कि रीवा के अधिकारियों को बाढ़ से जुड़ी सभी सूचनाएं समय पर दी जाएंगी। बांधों के आपरेशनल मैन्युअल उपलब्ध करा दिए जाएंगे। बाढ़ आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों के मोबाइल नम्बरों का आदान-प्रदान कर व्हाट्सएप ग्रुप बना लें। इसमें सभी अधिकारी महत्वपूर्ण सूचनाएं दर्ज करेंगे। मिर्जापुर में 6 वर्षामापी केन्द्र बनाए गए हैं। इनसे नियमित रूप से वर्षा की जानकारी दी जाएगी। बैठक में रीवा के आईजी एमएस सिकरवार ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए तैराक दल, नाव तथा अन्य व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों के थाना प्रभारी तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी समन्वय बैठक कर के एक-दूसरे से जानकारियाँ साझा करें।

बैठक में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अशोक डेहरिया ने बताया कि सिरसी, मेजा तथा अदवा बांधों से बेलन नदी में 80 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने पर त्योंथर क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप होता है। इन बांधों को अगस्त माह के अंत में अधिकतम भरें। इन्हें एक-दो मीटर तक खाली रखकर भारी वर्षा में अधिक जल आवक का प्रबंधन किया जा सकता है। बांधों से पानी छोड़ने के कम से कम 6 घंटे पहले सूचना दे दी जाए। बैठक में डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय, कलेक्टर प्रतिभा पाल, अपर कमिश्नर अरूण परमार तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। वर्चुअल माध्यम से बैठक में सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी शामिल रहे।

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