गुना बस हादसा मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर कई वरिष्ठ अधिकारी स्थानांतरित कर दिए गए हैं। जिसमें कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, गुना और प्रमुख सचिव परिवहन को उनके दायित्व से मुक्त कर अन्यत्र पदस्थ किया गया। तो वहीं परिवहन आयुक्त को भी स्थानांतरित किया गया। साथ ही घटना के बाद लापरवाही करने पर परिवहन अधिकारी और समय पर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचाने के लिए नगर पालिका अधिकारी को दोषी मानते हुए उनके निलंबन के पहले ही निर्देश दिये जा चुके हैं।
यह थी घटना
मध्यप्रदेश के गुना में बुधवार को डंपर से टक्कर के बाद यात्री बस में आग लग गई थी। हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए थे। 11 शव बस के अंदर जबकि दो गेट के पास मिले थे। शवों की हालत ऐसी है कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। 16 लोग झुलस गए थे। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गुना SP विजय कुमार खत्री ने बताया था कि बस में करीब 30 सवारियां थीं। बस के मालिक भानु प्रताप ठेकेदार हैं और भाजपा नेता विश्वनाथ सिकरवार के छोटे भाई हैं। विश्वनाथ भाजपा जिला उपाध्यक्ष रहे हैं। हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे गुना जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।
कांग्रेस ने कहा “बीजेपी का जंगलराज निगल गया 13 निर्दोष ज़िंदगियाँ”
गुना में जो बस हादसे का शिकार हुई और 13 लोग जल कर मर गये, उसका फ़िटनेस 2022 मे समाप्त हो चुका था। टैक्स भी नहीं जमा था, बस का बीमा भी 2021 में ही समाप्त हो चुका था। इन तथ्यों के साथ कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है और लिखा कि मोहन यादव जी,
फ़ोटो और प्रचार से बाहर निकलकर काम कीजिए।