ऐतिहासिक धरोहर : अपने मूल स्वरूप को प्राप्त हो रहा है “त्योंथर कोलगढ़ी”

रामलखन गुप्त, चाकघाट। त्योंथर क्षेत्र का ऐतिहासिक भवन कोलगढ़ी में मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। त्योंथर की कोलगढी जो इस अंचल में आदिवासी राजाओं के प्रशासनिक व्यवस्था का प्रतीक है, वह लंबे समय से रखरखाव के अभाव में खंडहर हो चुका था। क्षेत्रीय पत्रकार एवं जिला पुरातत्व संघ के सदस्य रामलखन गुप्त द्वारा इसके मरम्मत की लगातार किए जा रहे मांग के पश्चात मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कोलगाढी के जीर्णोद्धार के लिए 3करोड़ 39लाख की राशि स्वीकृत करके इस स्थल का गत माह भूमि पूजन भी किया था, जिसके पश्चात से त्योथर कोलगढी में मरम्मत कार्य प्रारंभ हो गया है जिससे वह अपने मूल स्वरूप को प्राप्त होता जा रहा है। इस गढी को मूल स्वरूप देने के लिए विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में इस भवन का मरम्मत कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिला पुरातत्व संघ के सदस्य रामलखन गुप्त ने गत दिवस इस कोलगढी का अवलोकन करके विश्वास जताया है कि शीघ्र ही इस कोलगढी का मरम्मत कार्य पूर्ण हो जाएगा और यह पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण स्थाल होगा। त्योंथर का यह अंचल वैसे भी आदिवासी राजाओं के द्वारा कभी संचालित रहा है और यहां के कोल आदिवासी राजाओं ने यहां से अपना प्रशासन चलाया था। बाद में भूर्तिया राजवंश और वेनवंशी राजवंशों के द्वारा भी यहां से प्रशासनिक व्यवस्था संचालित किया जाता रहा है। कोलगढी के मरम्मत के लिए जिला पूरातत्व संघ की ओर से काफी प्रयत्न किया गया और बिरसा मुंडा जयंती अवसर पर भाजपा नेता देवेंद्र सिंह द्वारा भी इसको और भी प्रचारित किया गया था। राम लखन गुप्त (जिला पूरातत्व संघ के सदस्य) का मानना है कि त्योंथर की कोलगढी मरम्मत के पश्चातअपने मूल स्वरूप में आने के पर इस अंचल की सबसे बड़ी ऐतिहासिक इमारत होगी।

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