रामलखन गुप्त, चाकघाट। शासकीय नर्सरी सेहुंडा में शासन के प्रयासों से संचालित सहेली स्व सहायता समूह की मेहनत अब रंग लाने लग गई है ।शासन का ग्राम पंचायतों में मेरी माटी मेरा देश “वसुधा अमृत वाटिका” अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान अंतर्गत हर ग्राम पंचायत में 75 पौधे लगाए जाने है। ये अभियान समूह के लिए बड़ा अवसर साबित हुआ है। समूह ने अच्छी गुणवता के 50 हजार से अधिक पौधे पिछले 2 वर्षो में तैयार किए है। पौध उत्पादन का कार्य उद्यान अधीक्षक अनुज सिंह के मार्गदर्शन में हुआ है इस कारण समूह सही दिशा में आगे बढ़ता गया। जिसका नतीजा आज सामने है कि समूह द्वारा तैयार पौधे लगभग 15 रुपए से 30 रुपए प्रति पौधा की कीमत पर बिक्री किए जाते है। इतने अधिक मात्रा में पौधे जिले की किसी भी शासकीय या निजी नर्सरी में उपलब्ध नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिन में लगभग 10000 से अधिक पौधे जनपद सिरमौर और जनपद जवा को प्रदाय किए है। इन पौधों का दोनो जनपदों से लगभग 2 लाख का भुगतान समूह को प्राप्त होगा। सहेली स्व सहायता समूह की अध्यक्ष मिथलेश सिंह ने बताया कि इस राशि से समूह को और मजबूती मिलेगी उन्होंने जनपद जवा और सिरमौर का आभार जताया की अगर शासन से और अधिक पौध उठाव के आदेश शासन से मिलें तो स्व सहायता समूह कामयाबी के उच्च मुकाम हासिल करेगा और जिले में आदर्श बनेगा। गौरतलब है शासकीय नर्सरी सेहुंडा में मनरेगा नर्सरी अंतर्गत 52 लाख का प्रोजेक्ट स्वीकृत है। नर्सरी संचालन का कार्य सहेली स्व सहायता समूह कंचनपुर को मिला है। समूह उद्यान अधीक्षक अनुज सिंह से पौध उत्पादन का मार्गदर्शन लेकर नर्सरी संचालित कर रहा है जिसके चलते जहां एक और पौधे अधिक से अधिक लगाए जाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा रहा है वही स्व सहायता समूह के महिलाओं को आर्थिक लाभ भी हो रहा है।
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