RTI में चौकाने वाले खुलासे – प्रधानमंत्री सुरक्षा संबंधी CCTV फुटेज की जानकारी उपलब्ध नहीं

दिनांक 29 मई 2023 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कार्यालय रीवा में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा लगाई गई एक आरटीआई में बड़ा खुलासा सामने आया है। एक्टिविस्ट द्विवेदी द्वारा 06 बिंदुओं की जानकारी जिला पंचायत रीवा से चाही गई थी जिसमें मात्र पहले बिंदु की कुछ पन्ने की जानकारी ही उपलब्ध करवाई गई है। शेष बिंदु क्रमांक 02 से 06 तक के बीच की जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई है तो क्या इसका तात्पर्य यह माना जाए की जानकारी है ही नहीं अथवा किसी बड़े भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ऐसा किया जा रहा है?

सीसीटीवी फुटेज और परिवहन से संबंधित बिंदु क्रमांक 4 और 5 की जानकारी परिवहन विभाग के पास भी नहीं
गौरतलब है कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) में आवेदन करने के पश्चात यदि कोई जानकारी संबंधित कार्यालय में उपलब्ध नहीं रहती है तो धारा 6(3) के तहत आवेदन को उस कार्यालय की तरफ फॉरवर्ड कर दिया जाता है जहां पर उस जानकारी के पाए जाने की सर्वाधिक संभावना होती है। शिवानंद द्विवेदी द्वारा बिंदु क्रमांक 04 एवं 05 में कई जानकारी आरटीओ से संबंधित चाही गई थी जिसमें कितनी बसें अधिग्रहित की गई और कहां पर उनकी पार्किंग की गई और साथ में पार्किंग के दौरान सीसीटीवी फुटेज की जानकारी भी चाही गई थी। गौरतलब है कि सीसीटीवी फुटेज की जानकारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जितनी बसें अधिग्रहित की गई क्या उतनी बसों की पार्किंग की गई है और फिर यदि सुरक्षा से संबंधित कोई चूक हुई हो तो वह भी सीसीटीवी फुटेज में सामने आ जाती है। परिवहन विभाग के लोक सूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी देने से सीधे मना कर दिया गया और बताया गया कि जानकारी कार्यालय में संधारित्र नहीं है।

सीसीटीवी फुटेज की जानकारी उपलब्ध नहीं है तो क्या प्रधानमंत्री के कार्यक्रम सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगाए गए ?
अब बड़ा सवाल यह है कि यदि सीसीटीवी फुटेज और वाहन पार्किंग की जानकारी न तो नगर निगम न परिवहन विभाग न मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा और न ही अन्य संबंधित विभागों में उपलब्ध है तो क्या यह मान लिया जाए कि कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगाए गए ? क्या यह माना जाए कि 24 अप्रैल 2023 को रीवा में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का कार्यक्रम जो इतने बड़े पैमाने पर हुआ, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं आकर कार्यक्रम को संबोधित किया तो इस कार्यक्रम में कोई सुरक्षा व्यवस्था ही नहीं की गई ? क्योंकि जाहिर है यदि सीसीटीवी कैमरे लगाए गए होते तो निश्चित तौर पर आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी अवश्य दी जाती लेकिन जिस प्रकार से जानकारी देने से मना किया गया और स्पष्ट तौर पर बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज की जानकारी संधारित्र नहीं है तो क्या इसका तात्पर्य माना जाए किसी सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगाए गए?

जानकारों का मानना है कि आरटीआई से प्राप्त इस जवाब ने बड़े सवाल पैदा किए हैं जिसमें एक तरफ तो आवेदक को सूचना आयोग में अपील करने के लिए मजबूर किया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़े सवाल पैदा किए हैं।

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