उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे रीवा क्षेत्र में अपराधियों के हौसले हुए बुलंद

चाकघाट। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे रीवा जिले में अपराधियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। प्रशासनिक लचर व्यवस्था के चलते रीवा क्षेत्र में जिस ढंग से अपराधियों का बोलबाला बढा है, उससे लगता है कि यहां अब केवल अपराधियों की चल रही है। अपराध रोकने में पुलिस मात्र खानापूर्ति तक सीमित रह गई है। यदि प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था में कसावट होती तो अपराधी म.प्र. की सीमा में इतने बुलंद हौसले के साथ अपराध न करते। रीवा जिले की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन सुरक्षा संबंधी नीति एवं कड़े निर्देश के चलते अब उत्तर प्रदेश की सीमा में अपराधी अपराध करने से डरने लगे किंतु रीवा जिले में जिस तरह बेखौफ होकर अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उससे इस क्षेत्र के लोगों को भयभीत होना स्वाभाविक है। रीवा क्षेत्र में हत्या लूट चोरी की घटनाएं आम बात हो चुकी है। यहां हत्या के मामले में खास तौर पर तरायी अंचल में जिस ढंग से अपराधी बेखौफ हुए हैं, उससे क्षेत्र के जनमानस का विश्वास पुलिस प्रशासन से उठता जा रहा है। गत दिवस सोहागी थाना के अंतर्गत ग्राम सोनवर्षा में बलात्कार के बाद मां और उसके अबोध पुत्र की जिस बेरहमी से हत्या की गई है, उससे लगता है कि यहां की पुलिस का कोई भय अपराधियों में नहीं रह गया है। इसके पूर्व भी सोहागी पहाड़ पर मां बेटे की हत्या करके लाश फेंक दी गई थी। वहाँ भी रेप के मामले से इंकार नहीं किया गया था। वह मामला भी पुलिस फाइलों में दफन हो गया। इस अंचल में हुई हत्याओं के मामले में पुलिस अधीक्षक रीवा को एक स्पेशल टीम बनाकर अब तक की हुई हत्याओं का खुलासा करने के लिए नियुक्त करना चाहिए। वैसे भी रीवा जिले में पुलिस बल की कमी है। जहां थाना प्रभारी टीआई को होना चाहिए वहां उपनिरीक्षक से ही काम चलाया जा रहा है। प्रदेश के सीमावर्ती थानों में आरक्षक प्रधान आरक्षक एवं सहायक उपनिरीक्षक की संख्या बहुत कम है। थाना प्रभारी रूटीन कार्य में ही व्यस्त रहते हैं और बड़े हत्या के मामले में जिस में मरने वाला गरीब असहाय एवं कमजोर तबके का होता है, उस मामले में सार्थक सुनवाई और कार्यवाही नहीं हो पाती। उ.प्र. में योगी आदित्यनाथ की प्रशासनिक कसावट के चलते लगता है कि सीमावर्ती रीवा जिला अपराधियों के लिए निरापद क्षेत्र हो गया है। जिससे यहां अपराध तेजी से बढ़ रहा है। तराई अंचल में नशीले पदार्थों का सेवन बिक्री एवं सप्लाई तेजी से हो रहा है। मध्य प्रदेश के सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में खनिज संपदा का दोहन निकासी भी तेजी से हो रहा है, जिससे यहां के पुलिस अनभिज्ञ बनी हुई है। रीवा जिले में जिस तरह से अपराधियों ने अपने पांव पसारे हैं वह पुलिस के लिए एक चुनौती है। इस पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए। (रामलखन गुप्त)

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