चाकघाट। त्योंथर विधानसभा क्षेत्र की नगरपरिषद चाकघाट एवं नगर परिषद त्योंथर अस्तित्व में है। जिसमें दलबदलू लोगों की नगर परिषद के प्रति जहां शासन प्रशासन मेहरबान है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के टिकट एवं उसके निशान पर चुनाव जीतने वाली नगरपरिषद चाकघाट के प्रति प्रशासन का रवैया उपेक्षा पूर्ण एवं असहयोगात्मक है। जिसके कारण मध्यप्रदेश के प्रवेश द्वार पर स्थित चाकघाट की जन समस्याएं का समाधान नहीं हो पा रहा है और नगर के विकास कार्य पर विराम लग चुका है। दलबदलू लोगों की नगर परिषद त्योंथर में अस्थाई रूप से सीएमओ की पदस्थापना की गई है जबकि चाकघाट में एक लंबे समय से स्थाई सीएमओ का अभाव बना हुआ है। यहां पहले स्थाई रूप से सीएमओ के रूप में श्रीमती रूपाली द्विवेदी ने अपनी सेवाएं दी। उनके कार्यकाल में नगर के विकास को गति मिला तथा नगर परिषद के चुनाव भी संपन्न हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी के सर्वाधिक पार्षद जीतकर भाजपा के अध्यक्ष को चुना। भाजपा का परचम चाकघाट में लहराया लेकिन रूपाली द्विवेदी का स्थानांतरण कर दिया गया। उसके पश्चात यहां प्रभारी सीएमओ के रूप में नईगढ़ी के सीएमओ संजय सिंह जी से काम लिया जाता रहा वे नईगढ़ी के साथ-साथ चाकघाट नगर परिषद को भी देख रहे थे, कि उन्हें भी हटाकर राजस्व विभाग त्योंथर के नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा को यहां का प्रभारी सीएमओ बना दिया गया। देखा जाय तो एक तो वैसे भी क्षेत्र के राजस्व न्यायालय में अधिकारियों की कमी बनी हुई है। उनको क्षेत्र में दौरा करना रहता है। ऐसी स्थिति में उन्हे चाकघाट नगर परिषद के सीएमओ का प्रभार देकर चाकघाट को व्यवस्था की दृष्टि से उपेक्षित और कर दिया गया है। प्रशासनिक कार्यों में उलझे होने के कारण निश्चित रूप से दिलीप शर्मा सीएमओ के रूप में चाकघाट में समय नहीं दे पाते। उनके पास राजस्व विभाग के ही इतने काम रहते हैं जिसके कारण उनका बराबर चाकघाट आ पाना संभव नहीं हो पाता। चाकघाट नगर को न जाने किस अपराध की सजा मिल रही है कि चाकघाट में स्थायी सीएमओ नहीं है। जब प्रभारी सीएमओ ही चाकघाट में देना था तो निकट त्योंथर के सीएमओ को यहां का प्रभारी बनाया जा सकता था। किंतु नगर परिषद में कार्य करने वाले सीएमओ को चाकघाट का प्रभार न देकर एक तहसील राजस्व अधिकारी को सीएमओ बनाकर यहां की व्यवस्था को और भी चौपट किया जा रहा है। त्योंथर में भारतीय जनता पार्टी का घोषित अध्यक्ष पद का उम्मीदवार चुनाव हार गया। कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष को वहां से चुना गया किंतु राजनैतिक कारणों के चलते भाजपा के मूल प्रत्याशी को हराकर दूसरे प्रत्याशी को जिताया गया और उसे भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराकर जिस ढंग से प्रशासन उदारता बरती जा रही है, उससे चाकघाट को महत्व नहीं मिल रहा है। जिसके कारण चाकघाट में स्थाई सीएमओ की स्थापना नहीं हो पा रही है। क्षेत्र के विधायक श्यामलाल द्विवेदी जी के इच्छा के विरुद्ध जिला कलेक्टर ने चाकघाट नगर परिषद में सीएमओ के रूप में नायब तहसीलदार को प्रभार दिला दिया है। चाकघाट की जन समस्याएं और प्रशासनिक कार्यों में उस तेजी से तेज़ी नहीं आ रही है जैसा कि होना चाहिए। क्या भारतीय जनता पार्टी को चुनाव जिता कर यहां के जनता ने कोई अपराध किया है कि जिसके चलते नगरपरिषद चाकघाट को स्थाई सीएमओ नहीं दिया जा रहा है। जिससे चाकघाट नगर के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। (राम लखन गुप्त)
