चाकघाट। त्योंथर क्षेत्र के अनेक ऐसे कस्बे एवं गांव हैं जहां शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से भूस्वामी बनकर दूसरे के हाथ मंहगे दामों बेचे जाने का काम हो रहा है। मफध्यप्रदेश शासन की महत्वपूर्ण भूमि किसके षड्यंत्र से निजी पट्टे की भूमि बता कर रजिस्ट्री के द्वारा नामांतरण कराया जा रहा है। इसकी खुली जांच होनी चाहिए तो पर्दे के पीछे इस अंचल में ऐसे भू माफियाओं के नाम उजागर हो सकते हैं जो सरकारी जमीन को अपने नाम चढ़ा कर बेचने का काम कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार चाकघाट नगर सहित क्षेत्र के तमाम ऐसे गांव हैं जहाँ मध्यप्रदेश शासन की भूमि को अवैध रूप से राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अपने नाम चढ़ाया जाता है और फिर उस सरकारी भूमि को महंगे दामों पर बेच दिया जाता है। मध्यप्रदेश शासन की महत्वपूर्ण भूमि 25 वर्ष पूर्व तक जो मध्य प्रदेश शासन के कब्जे में रही और भूस्वामी मध्यप्रदेश शासन रहा है अब वह भूमि निजी लोगों के नाम दर्ज हो चुका है। इसी तरह नगरपरिषद चाकघाट, नगर परिषद त्योंथर सीमा के भीतर, टेढ़े नाथ मंदिर, राम जानकी मंदिर त्योंथर, अडगड नाथ मंदिर सोहागी, हनुमान मंदिर चाकघाट, घटेहा मंदिर सहित अन्य कई सरकारी भूमि को निजी भूमि में परिवर्तित कर दिया गया है। जिला प्रशासन एवं मध्यप्रदेश शासन से यह मांग की जाती है कि 25 से 30 वर्ष पूर्व जो भूमि मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज थी वह भूमि नीजी लोगों के नाम कैसे चढ़ गई ? किस षणयंत्र के तहत उस सरकारी भूमि को निजी बताकर इन्हीं लोगों के हाथ बेचा दिया गया इसकी जांच होनी चाहिए तथा शासकीय भूमि को हड़पने वाले भू-माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। जिससे भू-माफियाओं के अवैध कारोबार को रोका जा सके। (राम लखन गुप्त)
