चाकघाट। तहसील मुख्यालय त्योंथर में स्थित एकमात्र शासकीय महाविद्यालय जिसे स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के नाम से जाना जाता है उस महाविद्यालय को अब लगातार कई वर्षों से परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जा रहा है। इस शासकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत लगभग दो हजार छात्र/छात्राओं को ऐसे महाविद्यालयों में जाकर परीक्षा देनी पड़ रही है जो अभी नए नए खुले हैं। स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय इस अंचल का पुराना व एकमात्र में शासकीय महाविद्यालय है। इस महाविद्यालय में शासन की उदार योजनाओं के चलते विद्यार्थियों की सर्वाधिक संख्या है। महाविद्यालय सूत्रों की माने तो इस महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों में 70% छात्राओं की संख्या है उसके बावजूद यह महाविद्यालय परीक्षा केंद्र घोषित होने से वंचित रह जाता है। महाविद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाया जाना चाहिए। स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय में शासन की अनुदान योजना के चलते 2करोड़ 65 लाख रुपए व्यय करके नया भवन बनाया जा रहा है। आगामी सत्र से यह नया भवन प्रारंभ हो जाएगा। चालू सत्र में इस महाविद्यालय की छात्र संख्या 1906 है। जिसमें 70% छात्राएं हैं फिर भी यह महाविद्यालय परीक्षा केंद्र से वंचित है। मिली जानकारी के अनुसार अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा के दौरान कई वर्ष पूर्व कुछ स्थानों पर नकल की शिकायत मिली थी । जिसके कारण यहां का परीक्षा केंद्र समाप्त कर दिया गया। देखा जाए तो यदि वर्षों पूर्व नकल हुई होगी तो नकल करने वाले विद्यार्थी न जाने कहां विद्यालय की शिक्षा पूरी करके चले गए होंगे ।उस समय के स्टाफ के भी न जाने कितने लोग सेवा से मुक्ति पा चुके होंगे उसके बावजूद भी इस महाविद्यालय की दीवारों पर नकल ठप्पा लगाकर उसे आज भी परीक्षा केंद्र से वंचित किया जा रहा है जो सर्वथा अनुचित है। जिन नए एवं निजी महाविद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है वहां पर पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है। शासन एवं प्रशासन से अपेक्षा है कि शासकीय महाविद्यालय की गरिमा एवं छात्राओं की सुरक्षा सुविधा व शिक्षा की गुणवत्ता के सही मूल्यांकन हेतु स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय को आगामी सत्र में परीक्षा का केंद्र बनाया जाए। (राम लखन गुप्त)
