ककरहा से सोहागी-त्योंथर तक अवैध डॉक्टरों की है भरमार, नहीं होती कोई कार्यवाई

रीवा, मप्र। समस्या कब बड़ा रूप ले ले किसे पता लेकिन छोटी – छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करना एक बड़ी समस्या को जन्म दे सकता है। मामला त्योंथर तहसील क्षेत्र में संचालित हो रहे छोटे-बड़े निजी क्लिनिकों से जुड़ा हुआ है। जिनमें काम कर रहे ज्यादातर लोग या स्वयं क्लिनिक चलाने वालों के पास न तो चिकित्सा विभाग कि अनुमति है और न ही जरुरी कागजात।

सामान्य समस्याओं तक तो ठीक है लेकिन ज्यादातर क्लीनको में बैठे झोलाछाप डॉक्टर तो मरीज का छोटा-बड़ा ऑपरेशन भी कर देते हैं। जानकरी के मुताबिक़ ऐसे डॉक्टर बिना किसी झिझक बेखौफ होकर बिना किसी चिकित्सीय डिग्री और अनुभव के गरीब लाचार परिवारों का इलाज करते देखे जा सकते हैं। जहां पर मरीजों को बकायदा भर्ती किया जाता है, बिमारियों का धड़ल्ले से इलाज किया जाता है और कभी – कभी तो ऑपरेशन करते भी पाया गया है। जानकरी के मुताबिक़ रायपुर-सोनौरी क्षेत्र से लेकर चाकघाट-सोहागी-त्योंथर तक, चिल्ला-गढ़ी तक ऐसे मुन्नाभाई डॉक्टरों की भरमार है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि बीएमओ त्योंथर एवं जिला चिकित्साधिकारी रीवा का ध्यान ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों की ओर क्यो नहीं जा रहा है ?

मामले को लेकर चिकित्सा अधिकारीयों से सवाल – ज़बाव
अवैध झोला छाप डॉक्टरों को लेकर जब आला अधिकारीयों से सवाल किया गया तो उनके द्वारा काम अधिकता वाला मुद्दा छेड़ दिया गया। साथ ही ऐसे क्लिनिक और डॉक्टरों को चिन्हित कर जल्द कार्यवाई करने की बात कही गई है। लेकिन सवाल अभी भी वही है क्युंकि व्यवस्था टूटी खाट पर है। अगर ऐसा नहीं तो क्या ये सब तामझाम महज कुछ दिनों का है या फिर सालों से फल-फूल रहे इस अवैध व्यापर में विभाग का भी हाँथ है ?

  • दिनेश द्विवेदी, त्योंथर

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