ख़बर ज़रा हटके : थोड़ी सी मदद और दुग्ध उत्पादन ने बना दिया लखपती

रीवा, मप्र।  मीतेश देव ग्राम रीठी के लिये यह स्वप्न ही साबित हो रहा है कि दुग्ध उत्पादन कर के वे लखपती बन गये हैं। मीतेश
देव ने बताया कि पशु पालन विभाग के अधिकारियों ने आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना के अन्तर्गत डेयरी उद्योग खोलने की जानकारी दी। मेरे पास खेती बाड़ी तो थी ही अत: मैने सोचा कि डेयरी उद्योग में भी अपनी किस्मत अजमाई जाय।

आप भी लखपती बनाने के लिए उठा सकते हैं सरकारी योजनाओं का लाभ

मैंने डेयरी उद्योग के लिये 4.75 लाख रूपये ऋण के लिये आवेदन किया बैंक अधिकारियों द्वारा मेरा आवेदन स्वीकृत कर मुझे 3.56250 लाख रूपये की ऋण राशि दी गयी। इसके ऋण में पशुपालन विभाग द्वारा मुझे 1.18750 लाख रूपये का अनुदान दिया गया। प्राप्त ऋण राशि से डेयरी चलाने के लिये मैने 10 साहीवाल गाय खरीदी और दुग्ध उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया। पूर्व में मेरे पास 25 साहीवाल गाय थी ही कुल 35 गायों से मैंने दुग्ध उत्पादन प्रारंभ किया। प्रतिदिन मेरी डेयरी में 90 लीटर दूध होने लगा 50 रूपये लीटर के मान से 4500 रूपये का दूध बिक जाता था। गाय का दूध होने के कारण गांव में काफी मांग थी मेरे पास एक भी दूध नहीं बचता था। मुझे प्रतिमाह 75 हजार रूपये की आय प्राप्त होने लगी। दुग्ध उत्पादन करने से मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार गई। मैं अपने बच्चों को पढ़ने के लिये अच्छे स्कूल में भेजने लगा। अब मेरे बच्चे भी शिक्षित हो रहे है। दुग्ध उत्पादन करना लाभ का व्यवसाय सिद्ध हुआ।

मीतेश देव ने कहा कि मैं तो सलाह देता हूं कि खेती के साथ पशुपालन का व्यवसाय अपनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना बहुत अच्छी योजना है इसका लाभ सभी को लेना चाहिये।

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