मातृ मृत्यु दर व नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने में समन्वित प्रयास आवश्यक – उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मातृ मृत्यु दर व नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने में समन्वित प्रयास आवश्यक है। रीवा जिले में इस चुनौती को अवसर के तौर पर लेना होगा। जनप्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य व महिला बाल विकास के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारी लोगों को जागरूक करें तथा मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को न्यून करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उप मुख्यमंत्री ने ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के तत्वाधान में नवजात बच्चों की देखभाल एवं किशोर मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में पंचायतीराज संस्थाओं के सदस्यों की प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया।

जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के विन्ध्या रिट्रीट होटल में आयोजित कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में नवजात शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर राष्ट्रीय सूचकांक से अधिक है। इसे कम करने के लिए कृत संकल्पित होना होगा। रीवा जिले को जनप्रतिनिधि व विभागीय मैदानी अमला चुनौती मानकर पूरे दृढ़ संकल्प के साथ इसे न्यून करेंगे। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन कराकर उनकी नियमित जाँच की जाए। स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रत्येक माह की 9 व 25 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्र में अनिवार्यत: उपस्थित रहें और इनकी जाँच करें। श्री शुक्ल ने कहा कि टेलीमेडिसिन सुविधा का लाभ प्राप्त कर वरिष्ठ चिकित्सकों से भी परामर्श लेकर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच व इलाज कराएं। उन्होंने यूनिसेफ के प्रतिनिधि से अपेक्षा की कि कलेक्टर द्वारा सुझाए गए क्लस्टर के गांवों में शत-प्रतिशत महिलाओं व नवजात शिशुओं के इलाज व जाँच में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम के सहयोग व निष्ठापूर्वक किए गए कार्य से ही रीवा जिले में आगामी 6 माह में सार्थक परिणाम सामने आएंगे और इस कार्यशाला का औचित्य सफल होगा। श्री शुक्ल ने परामर्श दिया कि स्कूल जाने वाली बालिकाओं के स्वास्थ्य की भी नियमित जाँच हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में सभी सहभागी बनें। प्रदेश सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार की उपलब्धता की दिशा में कारगर प्रयास जारी हैं।

कार्यशाला में गंगेव जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि के प्रयास जारी हैं। जनप्रतिनिधि व विभागीय अमला शिशु व मातृ मृत्यु दर को कम करने में अपनी भूमिका का निर्वहन निष्ठापूर्वक करेंगे।

कार्यशाला में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा जिले में पाँच क्लस्टर का चयन कर स्वास्थ्य, महिला बाल विकास व ग्रामीण विभाग के सहयोग से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए शत-प्रतिशत महिलाओं की जाँच के साथ ही उस क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने का भी कार्य किया जाए। उन्होंने मैदानी अमले को जिले में शिशु व मातृ मृत्यु दर कम करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। आयुक्त नगर निगम डॉ सौरभ सोनवड़े ने इच्छाशक्ति के साथ कार्य करते हुए मैदानी अमले की मुख्यालय व अस्पतालों व गांव में उपस्थिति के साथ अपना शत-प्रतिशत योगदान देने की अपेक्षा की। कार्यशाला को यूनिसेफ के डॉ प्रशांत कुमार ने भी संबोधित किया। एनएचएम के संयुक्त संचालक डॉ प्रभाकर तिवारी ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। आभार प्रदर्शन सीएमएचओ डॉ संजीव शुक्ल ने किया तथा संचालन डॉ सुनील अवस्थी द्वारा किया गया। इस दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी, सौरभ सक्सेना, जनपद के सीईओ, स्वास्थ्य तथा महिला बाल विकास एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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