मध्यप्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नई क्रांति की ओर अग्रसर : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश में वर्ष 2070 तक कार्बन फुट-प्रिंट को शून्य तक लाने और समाप्त होते जीवाश्म ईंधन के विकल्प तलाशने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (अक्षय) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्यप्रदेश पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ योगदान दे रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में पिछले 12 वर्षों में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 14 प्रतिशत अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे अब कुल ऊर्जा उत्पादन में सहभागिता 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

जीआईएस-भोपाल में मध्यप्रदेश की टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी के कारण नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जीआईएस-भोपाल के उद्घाटन अवसर पर कहा कि विगत दशक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 70 बिलियन डॉलर (5 ट्रिलियन रुपये से अधिक) का निवेश किया गया, जिससे स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 10 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस विकास में मध्यप्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और बताया कि राज्य वर्तमान में लगभग 31,000 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता रखता है, जिसमें से 30ऽ हरित ऊर्जा है।

रीवा और ओंकारेश्वर: हरित ऊर्जा के नए केंद्र – प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने उद्बोधन मे कहा जीआईएस के शुभारंभ पर मध्यप्रदेश का रीवा सोलर पार्क देश के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पार्कों में से एक है। इसके साथ ही हाल ही में ओंकारेश्वर में देश के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट का शुभारंभ किया गया है, जिससे अक्षय ऊर्जा उत्पादन को नई दिशा मिली है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी नीतियों और राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से मध्यप्रदेश हरित ऊर्जा हब के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में राज्य में 5 बड़ी सौर परियोजनाएँ कार्यरत हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 2.75 गीगावाट (2,750 मेगावाट) है। सरकार की योजना वर्ष-2030 तक नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 20 गीगावाट (20,000 मेगावाट) करने की है। मध्यप्रदेश सरकार नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 5,21,279 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर रही है, जिससे 1,46,592 नौकरियाँ सृजित होंगी। जीआईएस-भोपाल में नवकरणीय ऊर्जा सेक्टर में अवाडा एनर्जी, एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एक्सिस एनर्जी वेंचर, एनएसएल रिन्यूएबल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, टोरेंट पॉवर और जिंदल इंडिया रिन्यूएबल एनर्जी जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव दिए हैं। इस निवेश से राज्य में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को गति मिलेगी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार की यह पहल भारत के ‘नेट ज़ीरो कार्बन’ लक्ष्य वर्ष-2070 को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मध्यप्रदेश तेजी से नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में देश का नेतृत्वकर्ता बन रहा है और आत्मनिर्भर भारत व स्वच्छ ऊर्जा मिशन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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