वरिष्ठ नागरिक समाज की धरोहर | बुजुर्ग चलते-फिरते इनसाइक्लोपीडिया के समान

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि बुजुर्ग किसी चलते-फिरते इनसाइक्लोपीडिया के समान हैं। उनके पास जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं के समाधान का अनुभव है। भले ही वे शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं, लेकिन उनका अनुभव अमूल्य है। युवाओं को चाहिए कि वे बुजुर्गों के सान्निध्य में जाएं, उनके अनुभव का लाभ लें, और उन्हें सम्मान दें। वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति न केवल परिवार की ताकत है, बल्कि समाज की भी अमूल्य धरोहर है। उनकी सेवा और सम्मान ही हमारी संस्कृति का आधार है। यदि हम अपने मूल्यों और परंपराओं का सम्मान करेंगे, तो निश्चित रूप से विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर होंगे। वरिष्ठ नागरिकों के प्रति कृतज्ञता और आदर की भावना ही समाज की खुशहाली की सच्ची राह है।

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