रायपुर सोनौरी। एक तरफ कोलकत्ता, बिहार, उत्तर प्रदेश, देहरादून आदि जगहों पर लड़कियों के साथ दरिंदगी के मामले में कार्यवाही शुरू ही हुई की दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के रीवा जिले के अंतर्गत सोहागी थाना क्षेत्र की सोनौरी चौकी अंतर्गत आने वाली सीएम राइज शासकीय विद्यालय रायपुर सोनौरी जिला रीवा (मप्र) में हुई वारदात ने एक बार फिर “बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ” के नारे को महज मंचीय और कागजी जुमला साबित कर दिया है। मामले में कई गैर राजनीतिक, कई गैर शासकीय संगठनों द्वारा आक्रोश दर्ज कराया जा रहा है और शासन प्रशासन पर जल्द गिरफ्तार कर कठोर दंड देने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। क्षेत्रीय जनता भी मामले को लेकर हुई खानापूर्ति से नाराज है।
क्या है मामला
घटना अगस्त 20, 2024 को दोपहर दो बजे के आसपास की बताई गई है। आरोप लगाया गया है कि दो लड़के दिवार फांद कर विद्यालय में दाखिल होते हैं और कुछ लोगों का नाम पूंछते हैं। इस दौरान कई कक्षाओं में जाते हैं और छात्र – छात्रों से अभद्र भाषा में बात करते हैं, गाली गलौज करते हैं। कुछ बच्चियों ने आरोप लगाया है कि उनसे बत्तमीजी के साथ – साथ छेड़खानी भी कि गई है। एक छात्र के पिता ने भी यही बात दोहराई है। सूत्रों के मुताबिक मामले में कई बच्चों द्वारा लिखित शिकायत आवेदन विद्यालय में दिया गया और मामला सोनौरी चौकी पहुंचा। लोगों द्वारा जानकारी दी गई कि मामले में विद्यालय प्राचार्य कहीं नज़र नहीं आये जबकि मामला अति संवेदनशील कि श्रेणी में आता है। लोगों ने आरोप लगाया है कि इतनी देर तक गुंडे मवाली विद्यालय परिसर में थे तो पुलिस या डायल 100 को जानकारी तुरंत क्यों नहीं दी गई और अगर दी गई तो अभी तक गिरफ़्तारी क्यों नहीं हुई। आरोप है कि शिवम् सिंह रायपुर बस्ती और शिवम् सिंह सोनवर्षा द्वारा इस तरह के घटिया और निंदनीय घटना को अंजाम दिया गया है। एक बच्ची ने खुलासा किया है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि कई बार हो चुका है लेकिन न तो प्राचार्य ने कोई कार्यवाही कि और न ही अन्य शिक्षकों ने। सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई कि प्राचार्य तो रीवा में निवास करते हैं जो विद्यालय से तक़रीबन 130 किलोमीटर कि दूरी पर है। ऐसे में विद्यालय कि शिक्षा और सुरक्षा व्यवस्था दोनों ही भगवान भरोसे नज़र आ रही। एक अभिभावक द्वारा आरोप लगाया गया कि कुछ ही शिक्षक विद्यालय में आते हैं और उनसे भी कम कक्षा में आते हैं। जिसकी वजह से उन्होंने अपनी बच्ची का नाम कटवा लिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि ज़्यदातर शिक्षक पान मसाला खाते इधर – उधर घूमते रहते हैं और समय काटते हैं।
सवाल उठता है कि विद्यालय में इतना सब कुछ हुआ और प्राचार्य ने मामले में कोई कठोर कदम नहीं उठाया, क्यूँ ? महज एक अधूरे बच्चों के आवेदन को चौकी तक पहुंचा दिया गया और बिना कार्यवाही हाँथ में हाँथ रख बैठ गए, क्यूँ ?