सघन स्क्रीनिंग कर रोगों का प्रारंभिक अवस्था में ही उपचार सुनिश्चित करें : उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

उप-मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भवन भोपाल के सभाकक्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यों की वृहद् समीक्षा की। उन्होंने एनएचएम द्वारा संचालित कार्यक्रमों और मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों की वर्तमान स्थिति एवं कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने निर्देश दिए कि विभिन्न संचारी और असंचारी रोगों की रोकथाम और बेहतर प्रबंधन के लिए सघन स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाये। ताकि प्रारंभिक स्तर में ही रोगों का चिन्हांकन कर उनका निदान सुनिश्चित किया जा सके।

हाई रिस्क प्रेगनेंसी प्रकरणों को चिह्नांकित कर नियमित करें मॉनिटरिंग – उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने महिला एवं शिशु स्वास्थ्य के विभिन्न संकेतक आईएमआर, एमएमआर आदि की क्षेत्रवार समीक्षा की और निर्देश दिये कि क्षेत्र में प्राप्त हो रहे प्रकरणों के आधार पर रणनीति तैयार की जाये। जिससे वास्तविक समस्याओं का उचित निदान किया जा सके। उन्होंने हाई रिस्क प्रेगनेंसी के चिन्हांकन हेतु सघन सर्वे और चिह्नांकित प्रकरणों की सतत मॉनिटरिंग और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उप-मुख्यमंत्री ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी के संभावित कारणों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि एनीमिया की स्थिति कई बार हाई रिस्क प्रेगनेंसी का कारण बनती है। इसके लिए विद्यालयों और कॉलेजों में बालिकाओं-किशोरियों को आयरन फ़ॉलिक एसिड दवा का वितरण किया जाये और उनके प्रयोग के लिए जागरूक किया जाये, ताकि भविष्य में एनीमिया की स्थिति से उन्हें संरक्षित किया जा सके।

उप-मुख्यमंत्री ने एनएचएम द्वारा संचालित विभिन्न डैशबोर्ड टेलीमीडिसिन, सीटी स्कैन, सीएलएमसी, कैंसर, आईडीएसपी आदि की रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में मध्यप्रदेश को शीर्ष पर ले जाने के मिशन मोड पर कार्य करना होगा। उन्होंने प्रदेश में डायरिया के प्रकरणों और निदान हेतु की जा रही कार्यवाहियों की जानकारी प्राप्त की और सजग रहकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने डायरिया से बचाव के लिए सावधानियों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए कहा। उन्होंने प्रदेश में चांदीपुरा वायरस की स्थिति की जानकारी ली और तैयारियों की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक चांदीपुरा वायरस का कोई भी प्रकरण नहीं है। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंसर के निदान हेतु प्रारंभिक स्तर में स्क्रीनिंग महत्वपूर्ण हैं। प्रारंभिक स्तर में चिन्हांकन से सहजता से इलाज सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने विगत वर्षों में स्क्रीनिंग की जानकारी प्राप्त की और स्क्रीनिंग कवरेज बढ़ाने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 6 लाख 25 हज़ार और वर्ष 2023-24 में 9 लाख व्यक्तियों की स्क्रीनिंग का कार्य किया गया।

मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में शीर्ष में ले जाने के लिए मिशन मोड पर करें प्रयास – उप-मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं के विस्तार कार्य की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि भवन निर्माण के साथ ही, आवश्यक उपकरण और मैनपावर उपलब्धता का कार्य किया जाये। उप-मुख्यमंत्री ने वेट लीज मॉडल और हब एंड स्पोक मॉडल पर चिकित्सकीय जाँच सुविधाओं की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिये कि स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त करने के लिए मैदानी अमले के प्रशिक्षण का प्रबंध किया जाये ताकि वे कुशलता से और प्रभावी रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें। उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में शीर्ष में ले जाने के लिए मिशन-मोड पर कार्य करना होगा। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री विवेक कुमार पोरवाल, एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास, संचालक महिला एवं शिशु स्वास्थ्य डॉ अरुणा कुमार, संचालक टीकाकरण डॉ संतोष शुक्ला सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Facebook
Twitter
WhatsApp
Telegram
Email

Leave a Comment

ट्रेंडिंग खबर

ट्रेंडिंग खबर

today rashifal

हमसे जुड़ने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है... पोर्टल पर आपके द्वारा डाली गयी खबर/वीडियो की सभी जानकारी घटनास्थल और घटना का समय सही और तथ्यपूर्ण है तथा घटना की खबर आपके क्षेत्र की है।अगर खबर में कोई जानकारी/बात झूठी या प्रोपेगेंडा के तहत पाई जाती है तो इसके लिए आप ही ज़िम्मेदार रहेंगे।