कमिश्नर कार्यालय में आयोजित बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर गोपालचन्द्र डाड ने कृषि उत्पादन आयुक्त बैठक के एजेण्डा बिन्दुओं की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि गेंहू उपार्जन के संबंध में सभी तैयारियाँ समय रहते पूरी कर लें। जिन समितियों और स्वसहायता समूहों ने गत वर्ष उपार्जन एवं धान उपार्जन में अनियमितता बरती उन्हें उपार्जन से पृथक करें। सभी जिलों में 15 मार्च तक गेंहू उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण कर उनमें उपार्जन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। किसान को छाया, पानी, गेंहू के तौल, गेंहू को साफ करने आदि की सुविधाएं सुनिश्चित करें। सभी कलेक्टर गेंहू उपार्जन के लिए पंजीकृत किसानों द्वारा दर्ज गेंहू के रकबे का शत-प्रतिशत सत्यापन कराएं। समर्थन मूल्य में गेंहू खरीदी का लाभ किसानों को ही दिया जाएगा।
कमिश्नर ने कहा कि संभागीय नापतौल अधिकारी उपार्जन शुरू होने से पहले गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्रों से जुड़े धर्मकांटे तथा समितियों के तौल उपकरणों का सत्यापन करें। नागरिक आपूर्ति निगम सभी खरीदी केन्द्रों में प्रशिक्षित सर्वेयर तैनात करें। शासन के निर्देशों के अनुरूप गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्र को प्राथमिकता दें। उपार्जित गेंहू के परिवहन और सुरक्षित भण्डारण की उचित व्यवस्था करें। पिछले वर्ष से निर्धारित समर्थन मूल्य से बाजार में अधिक मूल्य रहने के कारण गेंहू उपार्जन की मात्रा में गिरावट आई है। इसे ध्यान में रखते हुए इस वर्ष गेंहू खरीदी के लक्ष्य निर्धारित करें। निजी गोदामों में भण्डारित खाद्यानों के लिए सात माह से लंबित गोदाम किराया का भुगतान कराएं। धान की मिलिंग में सतना जिला पीछे है। सतना में लक्ष्य से 51 प्रतिशत ही मिलिंग हो पाई है। कलेक्टर मिलिंग की कठिनाईयों को दूर कर लक्ष्य के अनुसार शत-प्रतिशत मिलिंग कराएं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली से खाद्यान्न वितरण के लिए समय पर उचित मूल्य दुकानों में खाद्यानों का भण्डारण कराएं। खाद्यानों का वितरण 95 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। कोई भी राशन कार्डधारी खाद्यान्न से वंचित न रहे। कमिश्नर ने मध्यान्ह भोजन योजना के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी, उपायुक्त डीएस सिंह, उपायुक्त दिव्या त्रिपाठी तथा संभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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