हम आपको रीवा जिले में सिंचाई के लिए बनाए गए बांधों और नहरों के विषय में लगातार नॉनस्टॉप खबरें दिखा रहे हैं। पिछले कुछ खबरों में हमने आपको रीवा हनुमना के जूड़ा-टटिहरा बाँध के विषय में नहरों और बांधों की दुर्दशा के बारे में विस्तार से समझाया। यहाँ हम आपको इस एपिसोड में जूड़ा-टटिहरा के नजदीक स्थित ग्रामों के किसानो से एक बार फिर रूबरू कराएँगे और नहरों की स्थिति का जायजा लेंगे। उपस्थित वरिष्ठ इंजिनियरों से भी जानेंगे की कैसे जल संसाधन विभाग के निकम्मे कमिशनखोर अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्ट ठेकेदारों और नेताओं ने पूरे बाँध और नहरों का सत्यानास कर दिया।
बाँध का पानी नहीं पहुंचा नहरों में
जल संसाधन विभाग के पूर्व और रिटायर्ड चीफ इंजिनियर शेर बहादुर सिंह परिहार एवं अधीक्षण अभियंता नागेन्द्र प्रसाद मिश्रा के साथ जब सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने जूड़ा-टटिहरा बाँध और आसपास की नहरों का दौरा किया तो जल संसाधन विभाग के भष्टाचार की एक एक करके सभी परतें खुलने लगीं। पिछले कई एपिसोड में आपने देखा की किसानों की आय दुगुनी चौगुनी करने के दंभ भरने वाली सरकारें कैसे किसानों के खून चूसने में लगी हुई हैं। किसानों की आय दुगुनी तो दूर यहाँ अब किसान अपनी फंसी जमीन वापस करने की गुहार लगा रहे हैं। पानी के नाम पर अधिग्रहण की गयी किसानों की जमीने बर्बाद हो गयीं और टूटी पड़ी नहरों से इधर उधर पानी के भरने से बोई हुई फसलें भी सड़कर बर्बाद हो रही हैं. कुछ किसानो ने तो खुलकर कैमरे के सामने अपनी समस्याएं बतायीं।
जूड़ा-टटिहरा के पास स्थित नहरों का सुपर पैसेज के डाउन स्ट्रीम का मुह बंद
जूड़ा-टटिहरा बाँध के नजदीक के ग्रामों में जो नहरें बनाई गयी हैं वह संचालित नहीं हैं। एक तरह से काम तो कागजों पर होना बताया गया और किसानो की फसलें सिंचित होना बताया गया लेकिन सच्चाई यह है बाँध बननें के बाद नहरों में पानी पहुँच ही नहीं पाया। जूड़ा-टटिहरा के पास स्थित नहरों में नालों के मिलन स्थल पर बनाए गए सुपर पैसेज में ब्रिज टूट गए. डाउन स्ट्रीम के मुह बंद पड़े हुए हैं। नहरों की दीवालें टूट गयी हैं। नहरों के बीच में मिटटी भरी हुई है। नहरों की खुदाई ठीक ढंग से नहीं हुई जिससे पत्थर की चट्टानें स्पष्ट देखी जा सकती हैं। सुपर पैसेज एक ऐसा स्ट्रक्चर होता है जिसमे नीचे नीचे नहर पास होती है और ऊपर से लोकल नाले का बहाव रहता है लेकिन मौके पास सुपर पैसेज स्ट्रक्चर भी डैमेज मिला। नाले का पानी सुपर पैसेज को तोड़ रहा था जिससे नहर में भी डैमेज देखा गया। सुपर पैसेज के डाउन स्ट्रीम का मुह बंद पाया गया।
कैनाल डक्ट की स्थिति भी खराब
अधीक्षण अभियंता नागेन्द्र मिश्रा ने बताया की तकनीकी तौर पर कैनाल डक्ट की स्थिति ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री सड़क से पासिंग के दौरान नाहर का कैनाल डक्ट का मुह छोटा है जिससे पानी के दबाब के चलते नाहर को नुक्सान पहुचा रहा है। विशेषज्ञों द्वारा बताया गया की कैनाल डक्ट को ठीक करना आवश्यक है। नहर और पानी के लेवल को लेकर इंजिनियर ने बताया की नहर खुदाई के दौरान काम ठीक ढंग से नहीं किया गया और जिस ठेकेदार ने काम किया है वह गुणवत्ता विहीन और अमानक है जिसको ब्लैक लिस्ट किया जाय।
इन इन किसानो ने बतायीं नहर सम्बन्धी समस्याएं
जूड़ा-टटिहरा के नजदीक के किसान रामावतार साकेत ने बताया की जब से यह नहर बनी है उसका कोई उपयोग उनके लिए नहीं है। बताया गया की नहर बनने के बाद से ही टूट गयी है। गाँव की जमीन भी बर्बाद हो गयी है लेकिन पानी नहीं मिला. बताया गया की पास के नाले से कभी कभी कुछ सिंचाई कर लेते हैं। रामावतार ने बताया की बाँध से मात्र ठेकेदार मछली पालन का काम करते हैं जबकि बांध सिंचाई के लिए बनाए गए थे। नजदीक गाँव के ही अर्जुन ने बताया की जूड़ा-टटिहरा बाँध से उन्हें भी पानी नहीं मिल रहा है। अर्जुन ने बताया की पानी के लिए बाँध में जाना पड़ता है। नहरों से पानी इसलिए नहीं मिल रहा क्योंकि नहर जगह जगह टूट गयी है। उनके लिए इस पानी का कोई उपयोग नहीं क्योंकि पानी पहुँच ही नहीं पाता। पास के देउरा गाँव के निवासी गंगा ने बताया की उनके गाँव देउरा में पानी नहीं है। नेताओं ने चुनाव के दौरान एक दशक पहले कहा था की बाणसागर का पानी पहुंचा देंगे लेकिन गाँव में बोर तक में भी पानी नहीं है। विधायक सांसद मात्र वोट के लिए आते हैं।
वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-