प्राकृतिक तांडव : ओलावृष्टि एवं बारिश में सब कुछ लुटा सिर्फ बचे हैं आँखों में आँसू

सिरमौर। सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में ओलावृष्टि एवं बारिश के कारण किसानों की फसल नष्ट हो गई। नष्ट हुई फसलों को देखकर किसान खून के आँसू रो रहे हैं। प्रकृतिक तांडव ने किसानों का सब कुछ लूट लिया अब सिर्फ उनकी आंखों में आंसू ही बच्चे हैं। इस वर्ष क्षेत्र में अच्छी फसल की उम्मीद थी। किसानों ने दिन-रात मेहनत कर गेहूं, तिलहन, दलहन आदि फसलों कि बुवाई कर कड़ी मेहनत के बाद फसलें तैयार की थी। लेकिन जैसे ही कटाई की बारी आई तो मानो इंद्र भगवान क्षेत्र के किसानों पर कहर बनकर टूट पड़े, जब उनको बारिश से संतुष्टि नहीं मिली तो किसानों को तबाह करने के लिए ओलावृष्टि कर डाली और देखते ही देखते किसानों की फसलें तहस-नहस हो गई। जमींदोज हुई फसलों को देखकर किसान बेबसी के आँसू रोने के अलावा कुछ नहीं सोच पा रहा है। बेबस किसान शासन – प्रशासन की तरफ मदद की उम्मीद लगाए बैठा हुआ है। देखना होगा कि किसानों की बर्बादी एवं तबाही के लिए सरकार किसानों की कितनी सहायता करती है। हालांकि प्रदेश की शिवराज सरकार ने राजस्व अमले को सर्वे के लिए आदेशित किया है क्षेत्र में सर्वे भी चालू हो गया है।

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ओलावृष्टि से हुई मृत्यु के मृतक के परिजनों को मदद की दरकार
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भड़रा गांव के निवासी राममिलन विश्वकर्मा उम्र 59 वर्ष जोकि अधिया को लेकर कृषि कार्य करता था, जोकि अधिया के लिए खेत की रखवाली करने के लिए खेत पर मौजूद था। अचानक ओला पड़ने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार राममिलन विश्वकर्मा मात्र 3 डिसमिल जमीन का मालिक था। जहां उसका कच्चा घर बना हुआ है। 5 लड़के मेहनत मजदूरी कर किसी तरह से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। मई महीने में ही मृतक अपनी दो बेटियों की शादी करने की तैयारी में था किंतु अचानक उसकी मृत्यु हो जाने के कारण उसका पूरा परिवार बिखर गया है। परिवार के लोगों ने शासन – प्रशासन से सहायता राशि की मांग रखी है।

किसानों की तबाह हुई फसलों का उचित मुआवजा दे सरकार
जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष गिरीश सिंह सिरमौर क्षेत्र के गांव में बर्बाद हुई किसानों की फसलों को देखने पहुंचे। उनके द्वारा गांव – गांव जाकर किसानों को ढाढस बंधाया गया एवं कहा गया कि आप लोगों की नष्ट हुई फसल कर उचित मुआवजा सरकार से दिलाया जाएगा। किसानों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। गिरीश सिंह मृतक परिवार से भी मिले एवं मृतक परिवार को हर संभव मदद किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि असमय मृत्यु हो जाने पर जो भी शासन की योजनाएं हैं। उन सभी योजनाओं का लाभ मृतक के परिवार को दिलाया जाएगा।

कच्चे घरों को भी हुआ नुकसान
विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसानों की कृषि ही नहीं तबाह हुई है। भड़रा लूक पटेहरा रामबाग भनिगवां इटमा रामबाग सहित कई गांव में जहां किसानों की फसलें जमींदोज हुई, वही लोगों के कच्चे खपरैल घरों को भी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान बताया कि डेढ़ घंटे लगातार सूखे पत्थर आंवला के आकार के पड़े साथ ही बारिश में भी पत्थर पड़ने के कारण कच्चे घरों के खपरैल मकानों को काफी क्षति पहुंची है।

एक नज़र
मौसम के बदले तेवर से किसान के साथ – साथ अन्य काम – धंधा करने वाले लोग भी प्रभावित हुए हैं। जहाँ एक तरफ मौसम ने किसानों कि रीढ़ तोड़ी है तो वहीं दूसरी तरफ आम जन जीवन भी प्रभावित हुआ है। एक और बड़ी समस्या जो कि सीएम शिवराज ने भी अपने भाषणों में कही है कि जुगाड़ वाले कहीं न कहीं से बीच में घुस ही जाते हैं, उनकी दलाली बंद नहीं हो रही पर लगाम जरूर लगेगा। क्यूंकि इस बुरे वक़्त में भी वो अपना जुगाड़ मरने से बाज नहीं आएंगे। अब समय के साथ ही देखने को मिलेगा कि सरकार मौसम को दोहरी मार से कैसे निपटती है।

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