अधिकारियों को मूक बधिरों की सांकेतिक भाषा की दी गई जानकारी, सांकेतिक भाषा का ज्ञान

कलेक्ट्रेट में आयोजित टीएल बैठक में शामिल सभी अधिकारियों को मूक बधिरों से संवाद के लिए सांकेतिक भाषा की मौलिक जानकारी दी गई। सामाजिक संस्था लक्ष्मी एजुकेशनल सोसायटी की सोनाली श्रीवास्तव तथा इंदौर से आई प्रशिक्षक ऋतिका गोयल ने सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया। इनके द्वारा मूकबधिर विद्यालय में पिछले एक सप्ताह से दिव्यांगों तथा उनके परिजनों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस अवसर पर कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि हर व्यक्ति को सांकेतिक भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है। कई बार मूक बधिर दिव्यांग हमसे सहायता का अनुरोध करते हैं। सांकेतिक भाषा न जानने के कारण हम सही स्थिति का अनुमान नहीं लगा पाते जिससे वे सहायता से वंचित रह जाते हैं। सांकेतिक भाषा का मौलिक ज्ञान होने पर भी हम मूक बधिरों की ठीक से सहायता कर पाएंगे। कई बार उन्हें संकट से भी बचाया जा सकता है। सांकेतिक भाषा को सीखने से हमारे मनोभावों में परिवर्तन आने के साथ मानवीयता का दृष्टिकोण सशक्त होगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह तथा अन्य अधिकारियों ने प्रशिक्षण का लाभ उठाया। (JS)

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