जर्जर शाला भवनों तथा कक्षों को सात दिनों में गिराएं – कलेक्टर

कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी तथा सभी बीईओ और बीआरसी स्कूल भवनों के संबंध में तीन दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। किसी भी जर्जर भवन और कक्ष में कक्षाएं संचालित न करें। जिले में चिन्हित 71 जर्जर भवनों की शालाएं तत्काल वैकल्पिक स्थानों में स्थानांतरित करके उनका नियमित संचालन कराएं। इसके लिए आसपास उपलब्ध अन्य शासकीय भवनों तथा ग्राम पंचायतों की परिसम्पत्तियों का उपयोग करें। रिक्त जर्जर भवनों और कक्षों को सात दिवस में डिसमेंटल करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने सभी एसडीएम को अपने-अपने अनुभाग में 21 जून को दोपहर 12 बजे से बैठक आयोजित कर जर्जर शाला भवनों और कक्षों को ध्वस्त करने संबंधी आदेश पारित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि सभी बीईओ और बीआरसी जर्जर शाला भवनों के संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन करके सात दिवस में प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि रमसा के इंजीनियर तथा बीईओ सभी शालाओं का निरीक्षण करें। जो शाला भवन सुधार योग्य है उसमें तत्काल सुधार कार्य कराएं। जिला प्रभारी रमसा इंजीनियरों से प्राप्त भवनों के सुधार के स्टीमेट को स्वीकृति देकर तत्काल राशि जारी करें। जर्जर भवनों के कारण यदि किसी विद्यार्थी के साथ कोई दुर्घटना हुई तो दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेहताब सिंह गुर्जर ने कहा कि सभी बीईओ और बीआरसी जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से संपर्क करके जर्जर भवनों के संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करें। शासन के निर्देशों के अनुसार सभी स्कूल शुरू हो गए हैं। इनके संचालन की नियमित मानीटरिंग करें। बैठक में डीपीसी विनय मिश्रा ने बताया कि शालाओं के 1695 शौचालयों में सुधार के लिए राशि जारी कर दी गई है। इनमें सुधार कार्य 15 दिवस में पूरा करा लिया जाएगा। बैठक में सहायक संचालक राजेश मिश्रा, सभी बीईओ, बीआरसी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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