सीमांकन तथा बटवारा के सभी प्रकरण एक माह में निराकृत करने के निर्देश

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कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित  बैठक में राजस्व कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की निगरानी के साथ पद के मूल कार्य पर ध्यान दें। जिले में बड़ी संख्या में राजस्व प्रकरण लंबित हैं। सभी राजस्व अधिकारी सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन अपने कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई करें। अन्य कार्य होने पर भी दोपहर 3 बजे कोर्ट में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर प्रकरण सुने। सीमांकन, बटवारा तथा नामांकन के प्रकरणों में पेशी बढ़ाने की परंपरा को छोड़े विवादित अथवा अविवादित प्रकरण एक माह में निराकृत करें। लंबित सीमांकन, बटवारा तथा नामांकन के सभी प्रकरण नियमित सुनवाई करके एक माह में निराकृत करें। अपर कलेक्टर प्रकरणों की निराकरण की हर सप्ताह समीक्षा करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी अनुशासत्मक कार्यावाही की जायेगी।

कलेक्टर ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के लंबित रहने पर सीएम हेल्पलाइन तथा जनसुनवाई में बड़ी संख्या में आवेदन दर्ज हो रहे हैं। इनका प्राथमिकता से निराकरण करें। कोई भी प्रकरण 6 माह से अधिक समय से लंबित न रहे। शासन ने जमीन के सीमांकन के लिए पटवारी को अधिकृत कर दिया है। सभी पटवारियों को प्रतिदिन 3 सीमांकन का लक्ष्य देकर 15 जून तक सीमांकन के सभी प्रकरण निराकृत करायें। आगामी 10 मई से 25 मई तक मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान पुन: चलाया जा रहा है। उसमें सीमांकन, बटवारा, नामांतरण आदि के ही प्रकरणों का निराकरण करना है। सभी एसडीएम और तहसीलदार अपने तहसील में बी-1 के वाचन का ग्रामवार कार्यक्रम तैयार कर सभी गांव में प्रभावी रूप से बी-1 का वाचन करायें। इससे जमीन से जुड़े सभी प्रकरण दर्ज हो जायेंगे। दर्ज प्रकरणों के निराकरण के लिए  कार्य योजना बनायें। सभी राजस्व न्यायालय के निरीक्षण का रोस्टर निर्धारित करके उसके अनुसार निरीक्षण करायें।

कलेक्टर ने कहा कि तहसीलदार प्रकरणों की नियमित सुनवाई के साथ पटवारियों तथा राजस्व निरीक्षकों के कार्यों की नियमित समीक्षा करे। बटवारे तथा सीमांकन के प्रकरणों में आदेश पारित होने पर उसका समय सीमा में नक्शा तरमीम तथा अमल कराकर आवेदक को लिखित में सूचना दें। यदि कोई व्यक्ति आदेश के अमल के लिए आवेदन देता है तो इसे संबंधित तहसीलदार की सक्षमता पर प्रश्नचिन्ह माना जायेगा। खसरा, राजस्व का मूल अभिलेख है। इसमें यदि किसी तरह की त्रृटि है तो उसका सुधार करायें। इसके लिए अलग से प्रकरण दर्ज न करें। प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के हितग्राहियों की जानकारी में कमी के कारण कई किसानों का भुगतान लंबित हैं। पटवारियों की सूची देकर कमियां दूर करायें। सभी राजस्व अधिकारी, शिक्षण संस्थानों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों से अवैध कब्जा हटाने के लिए अभियान चलाये। शासकीय जमीनों तथा मार्गों में भी अवैध कब्जे की लगातार शिकायतें मिल रही हैं।

बैठक में नामांतरण, बटवारा, सीमांकन, आडिट कंडिकाओं के निराकरण तथा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की निराकरण की तहसीलवार समीक्षा की गयी। बैठक में कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था की निगरानी, गेंहू उपार्जन की निगरानी तथा सीएम राइज स्कूलों के निर्माण कार्यों के निगरानी के निर्देश दिये। बैठक में अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री ने राजस्व प्रकरणों की तहसीलवार जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में एसडीएम हनुमना एके सिंह, एसडीएम मनगवां प्रभाशंकर त्रिपाठी, एसडीएम सिरमौर भारती मेरावी, एसडीएम हुजूर अनुराग तिवारी सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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